परंपरागत कृषि विकास योजना 2024 केंद्र सरकार द्वारा किसानों को जैविक खेती के लिए प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से शुरू की गई एक महत्वपूर्ण योजना है। इस योजना के तहत किसानों को जैविक खेती करने के लिए आर्थिक सहायता दी जाती है, ताकि वे पर्यावरण-संवेदनशील तरीकों से खेती कर सकें और स्वस्थ व पोषक तत्वों से भरपूर उपज प्राप्त कर सकें। इस योजना के अंतर्गत सरकार किसानों को जैविक खेती की आधुनिक तकनीकों से अवगत कराती है, जिससे उनकी कृषि लागत कम हो सके और उत्पादन बढ़ सके।
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परंपरागत कृषि विकास योजना का परिचय
परंपरागत कृषि विकास योजना (PKVY) 2015 में शुरू की गई थी, जिसका मुख्य उद्देश्य देश के किसानों को जैविक खेती के लिए प्रेरित करना है। यह योजना किसानों को जैविक खेती के माध्यम से मिट्टी की उर्वरता बढ़ाने, पर्यावरण को संरक्षित करने और फसल उत्पादन में सुधार करने के लिए आर्थिक मदद प्रदान करती है। जैविक खेती के लिए सरकार किसानों को प्रति हेक्टेयर ₹50,000 की सहायता राशि देती है, जो उर्वरक, कीटनाशक और बीज खरीदने के लिए तीन वर्षों तक दी जाती है।
योजना के उद्देश्य और लाभ
इस योजना का मुख्य उद्देश्य जैविक खेती को प्रोत्साहित करना और किसानों को अधिक उपजाऊ और रसायन मुक्त कृषि पद्धतियों के लिए प्रेरित करना है। इसके तहत किसानों को निम्नलिखित लाभ मिलते हैं:
- आर्थिक सहायता: जैविक खेती के लिए प्रति हेक्टेयर ₹50,000 तक की वित्तीय मदद।
- मिट्टी की उर्वरता बढ़ाना: जैविक खेती से मिट्टी की गुणवत्ता में सुधार और पौधों की बेहतर वृद्धि होती है।
- कम लागत, अधिक उत्पादन: आधुनिक और पारंपरिक तकनीकों का इस्तेमाल कर खेती की लागत कम होती है।
- पर्यावरण संरक्षण: जैविक खेती से रासायनिक खादों के उपयोग में कमी आती है, जिससे पर्यावरण को कम नुकसान होता है।
जैविक खेती से होने वाले फायदे
परंपरागत कृषि विकास योजना से किसानों को जैविक खेती करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है, जिसका उद्देश्य किसानों की आय बढ़ाना और देश के लोगों को स्वस्थ भोजन उपलब्ध कराना है। जैविक खेती करने से पर्यावरण भी संरक्षित रहता है, जिससे शुद्ध ऑक्सीजन प्राप्त होती है और जल स्रोतों में रसायनों की कमी होती है। इसके साथ ही जैविक खेती से उत्पादित फल और सब्जियां स्वास्थ्य के लिए बेहद लाभदायक होती हैं।
आवेदन प्रक्रिया
परंपरागत कृषि विकास योजना के तहत आवेदन करने की प्रक्रिया ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यमों से की जा सकती है। आवेदन के लिए निम्नलिखित चरणों का पालन करें:
- आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं: योजना की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर पंजीकरण करें।
- पंजीकरण फॉर्म भरें: आवश्यक जानकारी जैसे नाम, पता, भूमि का विवरण आदि भरें।
- दस्तावेज अपलोड करें: आधार कार्ड, निवास प्रमाण पत्र, आय प्रमाण पत्र, राशन कार्ड, फोटो आदि दस्तावेज अपलोड करें।
- आवेदन सबमिट करें: सभी जानकारी सही ढंग से भरने के बाद आवेदन सबमिट करें।
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पात्रता
इस योजना के तहत आवेदन करने के लिए कुछ पात्रता शर्तें हैं:
- भारतीय नागरिक होना अनिवार्य: आवेदनकर्ता भारतीय मूल का किसान होना चाहिए।
- आयु: किसान की आयु 18 वर्ष से अधिक होनी चाहिए।
- खेती योग्य भूमि: आवेदक के पास खेती योग्य भूमि होनी चाहिए।
- आवश्यक दस्तावेज: आधार कार्ड, निवास प्रमाण पत्र, आय प्रमाण पत्र, राशन कार्ड आदि की आवश्यकता होती है।
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आर्थिक सहायता
परंपरागत कृषि विकास योजना के तहत किसानों को जैविक खेती के लिए प्रति हेक्टेयर ₹50,000 की आर्थिक सहायता दी जाती है, जिसमें जैविक उर्वरक, कीटनाशक, और बीजों की खरीद शामिल है। इसके साथ ही क्लस्टर निर्माण और विपरण के लिए ₹8800 प्रति हेक्टेयर तथा क्षमता निर्माण के लिए ₹3000 की अतिरिक्त सहायता दी जाती है। यह सहायता सीधे किसानों के बैंक खातों में डायरेक्ट बैंक ट्रांसफर (DBT) के माध्यम से भेजी जाती है।
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निष्कर्ष
परंपरागत कृषि विकास योजना 2024 किसानों के लिए एक अत्यंत लाभकारी योजना है, जिससे वे जैविक खेती के माध्यम से अपनी आय बढ़ा सकते हैं और देश को स्वस्थ भोजन उपलब्ध करवा सकते हैं। जैविक खेती न केवल पर्यावरण के लिए सुरक्षित है, बल्कि यह किसानों के लिए एक स्थायी कृषि मॉडल भी प्रदान करती है। यदि आप भी किसान हैं और जैविक खेती में रुचि रखते हैं, तो इस योजना का लाभ उठाकर अपनी खेती को और भी बेहतर बना सकते हैं।