E-shram Card : केंद्र सरकार ने श्रमिकों के लाभ को सीधे पहुंचाने के लिए ई-श्रम कार्ड (E-shram Card) को देशभर में बनवाया था, जिसके माध्यम से सरकारी योजनाओं का लाभ श्रमिकों को मिल सकता है। इस प्रक्रिया के तहत कई राज्यों ने भी श्रमिकों के लिए आगामी लाभों की किस्तें तय की हैं। उत्तर प्रदेश में हर माह 500 रुपये, मध्य प्रदेश में 1000 रुपये, और छत्तीसगढ़ में भी 1000 रुपये का इंतजाम किया गया है। आने वाले दिनों में, कई अन्य राज्य भी श्रमिकों को लाभ प्रदान करने के लिए किस्तों की घोषणा कर सकते हैं।
E-shram Card : कई सरकार योजनाओं का मिलेगा लाभ
ई-श्रम कार्ड बनाने के लिए सरकार ने कई योजनाओं को एकत्र किया है, जिनका लाभ बाद में मिलता है। इसके बाद कार्ड बनवाने वाले लोग इस स्कीम से जुड़कर अपने लाभ का आनंद उठा सकते हैं। कई राज्यों ने अपनी प्रदेश स्तर की योजनाओं को इस ई-श्रम कार्ड स्कीम में शामिल किया है। श्रम और रोजगार मंत्रालय ने असंगठित कामगारों के लिए एक राष्ट्रीय डेटाबेस बनाने के लिए ई-श्रम पोर्टल विकसित किया है, जिसमें आधार की मदद से जानकारी जोड़ी जाएगी।
- नौकरी योग्यता की जानकारी से, श्रमिकों की सामर्थ्य और रोजगार कौशल में सुधार हो रहा है।
- परिवार के विवरण के माध्यम से, सरकार समाजिक सुरक्षा योजनाओं को सही तरीके से लागू कर रही है।
- व्यापार के नाम के साथ, श्रमिकों की आर्थिक स्थिति का सही अनुमान लगाया जा सकता है।
- ठिकाने के द्वारा, योजनाओं के लिए योग्य लोगों की पहुंच को बढ़ावा देने में मदद हो रही है।
- कौशल स्तर के आधार पर, प्रशिक्षण और विकास के लिए योजनाएं तैयार की जा रही हैं।
- उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा शुरू किए गए भत्ते से श्रमिकों को वित्तीय सहायता प्राप्त हो रही है।
- इस योजना के तहत, भुगतान को किस्तों में विभाजित करके उनकी सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित की जा रही है।
इस प्रयास के माध्यम से, श्रमिकों को उनकी व्यक्तिगत पहचान और रोजगार स्थिति के आधार पर सरकारी सहायता और सुरक्षा की पहुंच मिल रही है। यह नहीं सिर्फ उनके परिवार के जीवन को सुरक्षित बनाने में मदद कर रहा है, बल्कि भविष्य में उनकी आर्थिक स्थिति को भी मजबूत बनाने में मदद कर रहा है।
E-shram Card: सबसे पहले UP ने जारी की किस्त
- उत्तर प्रदेश सरकार ने हाल ही में करीब डोड़ करोड़ श्रमिकों को 500 रुपये भेजे बैंक खातों में।
- प्रदेश में 50908745 करोड़ पंजीकृत कामगार हैं,
- जिनमें 38160725 ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकृत हैं।
- बीओसी डब्लू बोर्ड के अंतर्गत 12748020 कामगारों को भी यह लाभ मिला है।
- डिसंबर-जनवरी में भरण-पोषण भत्ता भेजा गया था,
- फिर फरवरी में 500 रुपये भी भेजे गए।
E-shram Card Status
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पहले ही श्रमिकों, स्ट्रीट वेंडरों, रिक्शा चालकों, कुलियों, पल्लेदारों आदि को भरण पोषण भत्ता ऑनलाइन उपलब्ध कराने का काम किया था। उन्होंने उत्तर प्रदेश को देश का पहला राज्य बनाने के लिए कठिन प्रयास किए थे। इसके परिणामस्वरूप, कई अन्य राज्यों ने भी योगी सरकार की व्यवस्था की प्रशंसा करके उसे अपनाया है।
E-shram Card: 1.50 करोड़ श्रमिकों को मिला लाभ
- 150 करोड़ कामगारों को भरण पोषण भत्ता प्रदान करने की शुरुआत की गई है,
- जिसमें जनवरी में 1000 रुपए और फरवरी में भी यही राशि प्रदान की जा रही है।
- इस कदम से, कुल मिलाकर 1500 करोड़ रुपए कामगारों और निर्माण श्रमिकों के हाथ में पहुंचेंगे।
- पहले किसी प्रदेश ने इस प्रकार के भत्ते की प्राप्ति का प्रयास नहीं किया था,
- लेकिन योगी सरकार ने इस नई योजना को अमल में लाया है,
- जिससे कामगारों को आर्थिक सहायता मिलेगी।
इसके बाद, कई राज्यों ने इस प्रणाली को अपने क्षेत्र में लागू करने का निर्णय लिया है। योगी सरकार अब फिर से कोरोना काल में श्रमिकों और वंचित वर्ग की जीवन और जीविका की सुरक्षा के काम को फिर से आरंभ करने का प्रतिबद्ध है।
कोरोना महामारी के दौरान भी जारी हुए थे 1000 रूपये की किस्त
E-shram Card : कोरोना महामारी ने समाज के हर वर्ग को प्रभावित किया है, क्योंकि इसका संक्रमक दर पहली लहर की तुलना में 30 से 50 गुना अधिक था। इसके परिणामस्वरूप, इसका प्रभाव भी उसी मात्रा में हुआ है। इसके अलावा, यह सच है कि समाज के सबसे वंचित वर्ग, जिनका परिवार उनकी आजीविका पर निर्भर है, इस अद्वितीय और अप्रत्याशित महामारी से सबसे अधिक प्रभावित हुआ है।
श्रमिकों को किसे मिलेगा लाभ
सड़क के किनारे रेहड़ी, खोमचा लगाने वाले, रिक्शा और ठेला चालक, नाई, धोबी, दर्जी, मोची, फल और सब्जी विक्रेता, और अन्य छोटे व्यवसायी इस समृद्धि के बजाय कम आय वाले वर्ग में शामिल हैं। कोरोना महामारी के पूर्व, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस अधिकारी वर्ग के सदस्यों की सहायता करने के लिए सभी संभावित कदम उठाए थे।
- निर्माण कार्यों से जुड़े श्रमिकों का एक बड़ा समूह भी था,
- जिन्हें सोशल और आर्थिक रूप से सहायता की आवश्यकता थी।
- कोरोना महामारी के प्रारंभिक दिनों में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उनके लिए सहायता पहुंचाने के प्रयास किए।
- इस वर्ग के लोगों के लिए हर संभव प्रयास किए थे
- उन्हें सहायता पहुंचाने का प्रयास किया था।
- निर्माण कार्यों से जुड़े श्रमिकों के साथ, सोशल और आर्थिक मदद की जरूरत को मुख्यमंत्री ने समझा।
- कोरोना महामारी के प्रारंभिक दिनों में भी उन्होंने इस वर्ग के लोगों के लिए कई उपाय किए।
- मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उनके लिए सहायता पहुंचाने के लिए सभी संभावित प्रयास किए।
आगामी चरण में भी इस प्रक्रिया का निरंतर अनुसरण किया जाएगा। कोविड महामारी के बीच, जीवन और जीविका की सुरक्षा सुनिश्चित करने के प्रयासों के साथ, शहरी क्षेत्रों में रोजमर्रा के काम करने वाले ठेला विपणी, खोमचा विक्रेता, रेहड़ी वाले, खोखा विक्रेता, और अन्य परंपरागत व्यवसायिकों को भरण-पोषण भत्ता प्रदान किया गया था।इस प्रक्रिया को आगे बढ़ाते हुए, कोविड महामारी के बीच, शहरी क्षेत्रों में दिहाड़ी मजदूर, रिक्शा/ई-रिक्शा चालक, पल्लेदार, नाविक, नाई, धोबी, मोची, हलवाई, और अन्य परंपरागत कामगारों को भरण-पोषण भत्ता प्रदान किया गया था।
जिनके पैसे नहीं आये तो क्या करें
उन श्रमिकों को, जिन्हें अभी तक अपनी धनराशि नहीं मिली है, अब अपने यूपी सरकार के श्रम कार्ड की ई-केवाईसी करने का विचार रख सकते हैं। इस काम को करने के लिए, वे ई-केवाईसी सीएससी केंद्र पर जा सकते हैं।
- उन लोगों के लिए भी यह विकल्प है जिनके श्रम कार्ड और आधार कार्ड में नाम और जन्मतिथि में कोई गलती हो गई है,
- जिसके कारण उन्हें धनराशि नहीं मिल रही है।
- वे अपने नजदीकी जनसेवा केंद्र पर जा सकते हैं
- अपने आधार और श्रम कार्ड को लिंक करवा सकते हैं।
- आने वाले समय में, उनकी धनराशि उन्हें मिलने की संभावना है।
ऐसे करें चेक आपना नाम और धनराशि
अगर आपका बैंक जाने में कोई समस्या आ रही है, तो आप अपने मोबाइल से भी किश्त की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। सरकार की आधिकारिक वेबसाइट https://eshram.gov.in/ पर जाकर इस जांच कर सकते हैं।
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