ESHRAM Card: ई-श्रम पोर्टल ने असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के पंजीकरण की शुरुआत की। भारत सरकार ने यूनीक पहचान पत्र निशुल्क जारी करने का ऐलान किया। पंजीकरण प्रक्रिया 26 अगस्त 2021 से शुरू होगी। ई-श्रम पोर्टल से यूनीक आईडी कार्ड भी प्राप्त किया जा सकेगा। माननीय श्री भूपेन्द्र यादव ने पोर्टल का उद्घाटन किया।
राज्यों/संघशासित प्रदेशों को इसे सौंपा जाएगा। नागरिक सुविधा केन्द्रों पर पंजीकरण करवाना होगा। यह पंजीकरण पूरी तरह से निशुल्क होगा। श्रमिकों को अब अपना पंजीकरण आसानी से करवा सकेंगे। ई-श्रम पोर्टल से श्रमिकों को अधिक लाभ मिलेगा।
ESHRAM Card benefits in hindi
भवन और अन्य संरचना कामकाजी कर्मचारी, प्रवासी श्रमिक, घरेलू सहायक, किसान, और कृषि कामकाजी अपना पंजीकरण करवा सकते हैं। इनमें समेत हैं पशुपालक, स्वरोजगारी, सड़क परियोजना, आशा कार्यकर्ता, और आंगनवाड़ी कार्यकर्ता। मछुआरे, छोटे व्यापारी, रेहड़ीवाले, और घरेलू कामगार भी शामिल हैं।
ये सभी लोग सरकारी सेवा में काम नहीं करते हैं। वे अपना पंजीकरण नजदीकी सेवा केंद्रों पर करा सकते हैं। यह सेवा पूरी तरह से मुफ्त है। उनके पास पीएफ, ईएसआई, और एनपीएस खाता नहीं है। उनकी आयु 18 से 59 वर्ष के बीच होनी चाहिए। यह पंजीकरण सरकारी सुविधा केंद्रों पर होता है। इससे उन्हें विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ मिल सकता है।
ESHRAM Card से श्रमिक को भविष्य में योजनाओं का लाभ मिलेगा
- यूनिक आईडी कार्ड असंगठित श्रमिकों के लिए सुरक्षा सुनिश्चित करेगा।
- योजनाओं का लाभ मिलेगा और पहचान सुविधाएं होंगी।
- इससे राज्यवार श्रमिकों की संख्या पता लगेगी।
- श्रमिकों की गतिविधियों को चिन्हित किया जा सकेगा।
- सामाजिक सुरक्षा योजनाओं में सुधार होगा।
- आपदा के समय सहायता प्राप्त करेंगे।
- राष्ट्रीय पंजीकरण डाटाबेस अत्यंत उपयोगी होगा।
- असंगठित श्रमिकों के कायक्षेत्र प्रतिनिधित्व में सुधार होगा।
- सरकार को सहायता प्रदान करने में आसानी होगी।
- श्रमिकों को अधिक सुरक्षा मिलेगी।
आवेदन के समय आवश्यक दस्तावेज
पंजीकरण के समय आवेदक को अपना आधारकार्ड, बैंक खाता की कापी और मोबाईल नम्बर सहित आवश्यक है। सभी सुविधा केन्द्रों पर पंजीकरण निशुल्क है और कोई भी शुल्क नहीं है। किसी भी शुल्क की मांग पर उपायुक्त कार्यालय को सूचित करें।
श्रमिकों के कल्याण के लिए मुख्य कल्याणकारी योजनाएं
- छात्रवृत्ति योजना: 5,000 से 16,000 रुपये तक।
- स्कूल की वर्दी, किताबें, कापियां: 3,000 से 4,000 रुपये।
- कन्यादान योजना: 51,000 रुपये।
- शगुन योजना: 21,000 रुपये।
- साईकिल की खरीद: 3,000 रुपये, सिलाई मशीन हेतु 3,500 रुपये।
- प्रसूति योजना: 10,000 रुपये।
- मृतक श्रमिकों की विधवाओं/आश्रितों हेतु: वित्तीय सहायता 2 लाख रुपये, दाह संस्कार हेतु 15 हजार रुपये।
- खेल-कूद प्रतियोगिताएं: इनाम विजेता खिलाड़ियों को।
- मुख्यमंत्री श्रमिक सामाजिक सुरक्षा योजना: 5 लाख रुपये।
- औद्योगिक श्रमिकों के दिव्यांग, नेत्रहीन तथा मन्दबुद्धि बच्चों को: वित्तीय सहायता 20,000 रुपये से 30,000 रुपये तक।
हरियाणा सिलिकोसिस पुर्नवास नीति
वर्तमान सरकार के कार्यकाल में सिलिकोसिस रोग से पीड़ित श्रमिकों के कल्याण हेतु पहली बार ‘हरियाणा सिलिकोसिस पुर्नवास नीति, 2017‘ लागू की गई, जिसके तहत सिलिकोसिस रोग से पीड़ित श्रमिकों एवं उनके परिवार के कल्याण हेतु 8 योजनाएं आरम्भ की गई।