Old Pension Scheme 2024 : पुरानी पेंशन की बहाली के लिए कर्मचारियों का आंदोलन तेजी से बढ़ रहा है। इसके समर्थन में, संयुक्त संघर्ष संचालन समिति (एस-4) ने शनिवार को एक संकल्प सम्मेलन आयोजित किया, जिसमें 30 अक्टूबर से चरणबद्ध आंदोलन की घोषणा की गई है। इसके साथ ही, इस समिति ने ओपीएस समाप्त करने, संविदा कर्मचारियों के मानदेय को बढ़ाने और आउटसोर्सिंग कर्मचारियों के नियमितीकरण के मुद्दे को भी उठाया है।
1.फर्स्ट सोल्युशन — ओल्ड पेंशन की तरह लास्ट सैलरी की आधी रकम
एक प्रमुख पहलू है कि ओल्ड पेंशन की तरह एक नई योजना आई है, जहाँ कर्मचारी को पेंशन के लिए आधी अपनी आखिरी सैलरी की राशि दी जाएगी। इसके लिए सरकार ने आंध्र प्रदेश में एक नई स्कीम की शुरुआत की है। इस योजना के तहत, कर्मचारी को पेंशन के लिए योगदान देना होगा, जिससे वह अपनी आखिरी सैलरी की 50% तक की राशि को प्राप्त कर सकेंगे।
इस नई पेंशन योजना को लेकर सरकार और पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डिवेलपमेंट अथॉरिटी (PFRDA) के बीच महत्वपूर्ण चर्चा हो चुकी है। यह योजना कर्मचारियों के भविष्य की सुरक्षा को मजबूत करने का प्रयास है, जो उन्हें सेन्ट्रल गवर्नमेंट की पेंशन स्कीम के लाभ से जुदा करता है। इसका मुख्य उद्देश्य है कि स्थायी रूप से नियोक्ता कर्मचारियों की आर्थिक स्थिति को मजबूत करना, साथ ही उनकी वृद्धावस्था में भी सहायता प्रदान करना है।
2. सेकंड सोल्युशन — NPS में भी न्यूनतम पेंशन तय किया जाए Old Pension Scheme 2024
- दूसरा विकल्प है कि मौजूदा एनपीएस में न्यूनतम पेंशन को तय करने का विचार उत्थानित किया जा सकता है।
- इस पर की जा रही शिकायत यह है कि एनपीएस का योगदान तय है, लेकिन रिटर्न नहीं है।
- काम का बड़ा हिस्सा पूरा हो चुका है, लेकिन बोर्ड की मंजूरी बाकी है।
- इस नए उपाय में यह सुझाव दिया जा रहा है कि न्यूनतम रिटर्न 4 से 5 फीसदी हो सकता है।
- इससे कर्मचारियों को पेंशन की सुरक्षा मिल सकती है, और इसे उनके लाभ के लिए बेहद कारगर बनाया जा सकता है।
Old Pension Scheme 2024
- गारंटी के कारण, पेंशन के लेन-देन में लागत की वृद्धि संभावना है, लेकिन इसमें वित्तीय सुरक्षा है।
- बाजार में बेहतर रिटर्न मिलने पर, पेंशन में 2-3% अधिक राशि प्राप्त की जा सकती है।
- मौजूदा एनपीएस में कर्मचारी को 60% मेच्योरिटी राशि हासिल होती है, जो उनके लाभ में जा सकती है।
- इस पैसे को पेंशन में निवेश किया जाए, तो पेंशन की राशि में वृद्धि हो सकती है।
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3. तीसरा उपाय — सबको न्यूनतम पेंशन की गारंटी
- प्राधिकृत पेंशन योजना के समान, सभी को न्यूनतम पेंशन की गारंटी मिलनी चाहिए।
- PFRDA वर्तमान में 1000 से 5000 रुपये के बीच पेंशन की योगदान कर रही है, जो बढ़ाने चाहिए।
- PFRDA को अटल पेंशन योजना को विस्तारित करने की दिशा में काम करना चाहिए।
- 5000 रुपये की सीमा को हटाना, जिससे लोगों को अधिक पेंशन का लाभ मिले।
- सरकार को वित्तीय सहायता में योजना बनानी चाहिए, ताकि गारंटी सुनिश्चित हो।
- इस स्थिति में, सभी नागरिकों को विभिन्न आर्थिक स्थितियों में पेंशन का समान अधिकार हो।
भारतीय राज्य सरकारी कर्मचारी महासंघ के अलावा और भी कई संगठन होगा शामिल
- अखिल भारतीय राज्य सरकारी कर्मचारी महासंघ, कान्फेडरेशन ऑफ सेंट्रल गवर्नमेंट इम्प्लाइज एंड वर्कर्स, स्कूल टीचर फेडरेशन ऑफ इंडिया, और अखिल भारतीय राज्य सरकारी पेंशनर्स फेडरेशन ने संयुक्त रूप से चेतावनी रैली का आयोजन किया है।
- इस रैली का उद्देश्य विभिन्न सेक्टरों के कर्मचारी संगठनों के साथ एक साथ आवाज बुलंद करना है।
- इस महासंघ और उनके समर्थकों के लिए बैंक, रेलवे, इंश्योरेंस, और डिफेंस के कर्मचारी संगठनों ने समर्थन जताया है।
- यह चेतावनी रैली कर्मचारियों और पेंशनरों के अधिकारों की सुरक्षा और सुधार के लिए महत्वपूर्ण है।
- साथ ही, इसका मुख्य उद्देश्य सरकार से उनके मांगों की सुनवाई करना और समाधान प्राप्त करना है।
- इस एकीकरण के माध्यम से, विभिन्न संगठन एक सकारात्मक बदलाव के लिए एक साथ काम कर रहे हैं।
- यह रैली कर्मचारियों और पेंशनरों के सामाजिक और आर्थिक विकास के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।
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